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क्या सजा मिली धर्म के नाम पर , ना धुली हाथों की मेहंदी निशां मिट गये – पहलगाम पोस्टर प्रदर्शनी में जनभावनाओं की अभिव्यक्ति

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  • देश की सुरक्षा में लगे सिपाहियों के सुरक्षित स्वास्थ्य हेतु नवकार महामंत्र का सुरक्षा कवच

रायपुर (विश्व परिवार)। खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभ सूरीश्वर जी द्वारा प्रतिष्ठित श्री सीमंधर स्वामी जैन मंदिर व चमत्कारी श्री जिनकुशल सूरि जैन दादाबाड़ी भैरव सोसायटी में पहलगाम आतंकी हमले पर जनभावनाओं की पोस्टर प्रदर्शनी लगाई गई है । सोनल बैद ने अपनी अभिव्यक्ति में कहा कि इंसानियत हैवान हो गई , पनपती दुश्मनी की दीवारें, इंसान को हैवान कर गई, ना पूछी इंसानियत, पूछा जो धर्म, हम वही मर गए । हर्ष यादव ने अपने पोस्टर पर लिखा चलो पहल करें पहलगाम पर, वाह क्या सजा मिली धर्म के नाम पर, थोड़ी सी खुशियां ढूंढने निकले थे इस राह पर, क्या पता कांटे बिछे होंगे धर्म के नाम पर । मानस कोचर ने अपने पोस्टर में लिखा कि ना धूली हाथों कि मेहंदी निशा मिट गये, खुशीयों की बारिशों में, आंसू सीमट गये, सजाये थे सपने साथ जीने के, पहलगाम में अधूरे रह गये, हमसफर बने सात जन्मों के पल भर मे बिखर गये । धानवी जैन ने अपने पोस्टर में पहलगाम के प्राकृतिक सौंदर्य में पीड़ितों की आवाज शीर्षक में पेन्टिंग बनाते हुए लिखा कि कितना हंसी था कभी वो काश्मीर का मंजर, वक़्त की एक आंधी आई आया बवंडर, जहाँ किसी का प्यार खोया किसी का वंश डूबा, खोया पत्नी ने पति को छुटा बहन से भाई का बंधन, वो था पहलगाम का मंजर । श्री सीमंधर स्वामी जैन मंदिर व दादाबाड़ी ट्रस्ट के अध्यक्ष संतोष बैद व महासचिव महेन्द्र कोचर ने बताया कि देश है तो धर्म है , हम सभी के लिए राष्ट्र प्रथम है । देश की सुरक्षा में लगे सभी सैनिकों के सुरक्षित स्वास्थ्य के लिए चमत्कारी दादाबाड़ी में नवकार महामंत्र का जाप किया गया । सकल जैन समाज से अपील की गई है कि सोमवती पूनम को 9 नवकार का जाप कर अखण्ड अभेद कवच का सृजन करें व राष्ट्र के प्रति अपनी आहुति समर्पित करें ।

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