पारसोला(विश्व परिवार)। संतों के प्रवास से, चातुर्मास से,सानिध्य से सामान्य स्थान भी तीर्थ के समान प्रतीत होने लगते है।धन्य हो गई राजस्थान की पारसोला नगरी जहां पर वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्धमान सागर जी अपने विशाल संघ के साथ विराजमान है।
31 दिसंबर की वह रात्रि जो 2024 को अलविदा कह रही थी। पूरा युवा वर्ग जो इस रात को अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और मिलनेवालो के साथ क्लब, रेस्टोरेंट,होटल, गार्डन आदि में नाच गानों के साथ नाच गानों हुल्लड़ बाजी में बिताते है लेकिन धन्य है पारसोला नगर की समाज,युवा वर्ग,पुरुष,महिलाएं और बच्चे जिन्होंने यह विशेष रात्रि अपने गुरु वर्धमान सागर जी ससंघ के सानिध्य में 1008 श्री आदिनाथ स्वामी की स्तुति करते हुए 48 दीपकों से भक्तामर स्त्रोत्र महा आराधना करते हुए अपने गुरुवर आचार्य श्री वर्धमान सागर जी का आशीर्वाद प्राप्त किया।* पारसोला नगरी में यह आराधना अत्यंत ही प्रेरणा स्पर्धा रही।अंग्रेजी नूतन वर्ष का शुभारंभ जिनेंद्र प्रभु की आराधना भक्ति पूर्वक की गई।
जयंतीलाल कोठारी अध्यक्ष जैन समाज ,ऋषभ पचौरी अध्यक्ष वर्षायोग समिति ने बताया कि श्री पार्श्वनाथ भगवान की असीम कृपा और वात्सल्य वारिधी आचार्य 108 श्री वर्धमान सागर जी महाराज के पावन आशीर्वाद से 31 दिसंबर 2024 की रात्रि में नव वर्ष मंगलकारी सर्व सिद्धि दायक दिव्य मंत्र आराधना नगर में प्रथम बार विशिष्ट महा अनुष्ठान नव वर्ष में शांति, समृद्धि और सफलता के लिए 108 मंत्रो द्वारा विशेष आराधना व गुरुदेव का विशेष आशीर्वाद से 108 मंडल पर की गई। इस अनूठे विशिष्ट कार्यक्रम में लगभग 700 से 800 समाज जनों ने देर रात्रि तक भाग लेकर रात्रि में आचार्य श्री से विशेष आशीर्वाद प्राप्त किया। वीरेंद्र सेठ , राजेश पंचोलिया इंदौर अनुसार इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य आत्मशुद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार,जीवन में शांति, समृद्धि और सफलता का मार्ग प्रशस्त करना,नव वर्ष में शुभ संकल्पों की पूर्ति के लिए मंत्र साधना,आध्यात्मिक उन्नति, आत्मा की शुद्धि और धर्म मार्ग पर अग्रसर होने की प्रेरणा, संकल्प सिद्धि: नव वर्ष के शुभ संकल्पों को साकार करने की शक्ति।मानसिक शांति: जीवन में स्थिरता और संतुलन प्राप्त करने के लिए आयोजित किया गया