रायपुर (विश्व परिवार)। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) रायपुर ने राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (एनआईटीटीटीआर), भोपाल के सहयोग से 24 जनवरी, 2025 को कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम ऑन आउटकम बेस्ड एजुकेशन विषय पर आधारित कार्यशाला का समापन समारोह आयोजित किया | 22 से 24 जनवरी तक आयोजित कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों के बीच परिणाम-आधारित शिक्षा प्रैक्टिसेस की समझ और कार्यान्वयन को बढावा देना था। समापन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में डीन (अकादमिक) डॉ. श्रीश वर्मा, संरक्षक के रूप में डीन (एफ डब्ल्यू) डॉ. देबाशीष सान्याल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर डॉ. शुभाशीष सान्याल भी शामिल हुए। एनआईटीटीटीआर, भोपाल के डॉ. बद्रीलाल गुप्ता और डॉ. हुसैन जीवाखान ने विशेष अतिथि और एक्सपर्ट लेक्चर के रूप में शिरकत की। इस कार्यक्रम में डॉ. लता एस. बी. उपाध्याय और डॉ. मृदु साहू एसोसिएट डीन (एफडब्ल्यू) भी उपस्थित रही।
यह कार्यक्रम डीन फैकल्टी वेलफेयर ऑफिस द्वारा प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रमों के लिए शिक्षकों के विकास के लिए आयोजित की गई । इस तीन दिवसीय कार्यशाला में एनईपी 2020 और एनबीए दिशानिर्देशों पर आधारित चर्चाएँ की गई। इस दौरान एनआईटीटीटीआर के विशेषज्ञों ने ई-परिक्षण- अ आउटकम बेस्ड लर्निंग प्लेटफार्म के बारे में भी जानकारी दी।
डॉ. एस. सान्याल ने कार्यशाला के आयोजन में वरिष्ठ संकाय सदस्यों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने प्रभावी शिक्षण सीखने और मूल्यांकन प्रथाओं के महत्व पर प्रकाश डाला, जो तीन दिवसीय यात्रा का मुख्य हिस्सा थे। एनआईटीटीटीआर सदस्यों द्वारा प्रदान की गई जानकारी की सराहना करते हुए उन्होंने विशेषज्ञों के लिए आभार व्यक्त किया। डॉ. डी. सान्याल ने व्यावहारिक अनुभव साझा किए और शिक्षकों को मार्गदर्शन प्रदान किया | उन्होंने व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन के बीच स्पष्ट अंतर बनाए रखने और संगठित रिकॉर्ड रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।
डॉ. वर्मा ने पिछले चार वर्षों में शैक्षणिक प्रथाओं में परिवर्तनकारी बदलावों पर प्रकाश डाला, तथा सीखने और नवाचार को प्रेरित करने के लिए परिणाम-आधारित शिक्षण पर जोर दिया। उन्होंने आपसी जुड़ाव बढ़ाने के लिए चैटबॉट इंटरैक्शन जैसे अभिनव तरीकों पर चर्चा की और अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी) और नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (एनसीआरएफ) पर ध्यान केंद्रित करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को लागू करने की वकालत की।
इस कार्यशाला में एनआईटी रायपुर और बीआईटी रायपुर से कुल 37 प्रतिभागियों ने भाग लिया ।इसके बाद प्रतिभागियों ने प्रतिक्रियाएं दी और प्रभावशाली शिक्षण अनुभव देने के लिए आयोजन टीम की सराहना की। कार्यशाला का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।