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एम्स रायपुर में यौन उत्पीड़न के प्रति ज़ीरो टॉलरेन्स पॉलिसी, व्यापक POSH अधिनियम जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया

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रायपुर(विश्व परिवार)। 12 नवंबर 2024 को एम्स रायपुर की आंतरिक शिकायत समिति (ICC) ने कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा को बढ़ावा देने और यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए POSH (PREVENTION OF SEXUAL HARASSMENT ACT-2013) अधिनियम, 2013 के तहत एक अत्यंत प्रभावशाली जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में संकाय सदस्य, छात्र और स्टाफ ने भाग लिया, जहां अधिनियम के महत्वपूर्ण प्रावधानों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और रचनात्मक चर्चा करने का अवसर मिला। मुख्य अतिथि शमिता चक्रवर्ती ने एक प्रेरणादायक संबोधन दिया, जिसमें यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए नैतिक और प्रक्रियात्मक उपायों पर प्रकाश डाला। उन्होंने एक सम्मानजनक वातावरण बनाने में मानवीय मूल्यों, नैतिक आचरण और बुनियादी शिक्षा की भूमिका पर जोर दिया और बताया कि किस प्रकार नैतिक और आध्यात्मिक सिद्धांतों का समावेश एक निवारक दृष्टिकोण के रूप में कार्य कर सकता है। ICC की अध्यक्ष डॉ. एली महापात्रा ने कार्यस्थल पर महिलाओं के लिए सुरक्षित और सहायक माहौल बनाए रखने के लिए सक्रिय कदम उठाने के महत्व पर जोर दिया। ICC की सदस्य सचिव, उपासना के. सिंह ने POSH अधिनियम के तहत संवैधानिक और कानूनी सुरक्षा उपायों का गहन विवरण प्रस्तुत किया, भारतीय दंड संहिता के प्रासंगिक अनुभागों पर प्रकाश डाला ताकि  प्रतिभागियों को सशक्त किया जा सके। इसके साथ ही, ICC के सदस्य डॉ. दीपक डी’सूजा ने समिति की प्रक्रियाओं की जानकारी दी, जिसमें शिकायतों की निष्पक्षता और जवाबदेही बनाए रखने के लिए समीक्षा और जांच की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। एम्स रायपुर के निदेशक और CEO, लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल (सेवानिवृत्त) ने अपने मुख्य भाषण में स्पष्ट किया कि एम्स में किसी भी प्रकार के यौन उत्पीड़न के प्रति जीरो टॉलरेंस है और यह भी कहा कि पुरुष स्वास्थ्यकर्मियों को हमेशा महिला मरीजों की जांच किसी अन्य महिला की उपस्थिति में ही करनी चाहिए। उन्होंने POSH अधिनियम, 2013 के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा सुनिश्चित करने में अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने महिला कर्मचारियों, चिकित्सकों और छात्रों को विश्वास के साथ किसी भी चिंता की रिपोर्ट करने का प्रोत्साहन दिया और यह भी आश्वासन दिया कि उन्हें संस्थान की पूर्ण समर्थन प्रणाली प्राप्त है।
कार्यक्रम का समापन डॉ. अभिरुचि गलहोत्रा के द्वारा एक भावपूर्ण धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसने महिलाओं की सुरक्षा और कार्यस्थल की गरिमा के प्रति एम्स रायपुर की अटूट प्रतिबद्धता की एक अमिट छाप छोड़ी। कार्यक्रम को सफल बनाने में आईसीसी के सदस्य डॉ दिबाकर साहू एवं श्री शिव शंकर शर्मा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम में एम्स रायपुर के लगभग 700 से अधिक अधिकारी-कर्मचारी, चिकित्सक और छात्र उपस्थित रहे।

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