रायपुर(विश्व परिवार)। बस्तर संभाग के सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जिलों के तेंदूपत्ता संग्राहकों को अब पारिश्रमिक राशि का नगद भुगतान किया जाएगा। इन जिलों में हाट-बाजारों में कैंप लगाकर राशि का नगद भुगतान किया जाएगा। तीनों जिलों में बैंकों की शाखाएं दूर-दूर हैं, इसलिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने तेंदूपत्ता संग्राहकों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को यह निर्देश जारी किए हैं।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के परिपालन में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप के मार्गदर्शन में विभाग की ओर से इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जिलों के अलावा अन्य जिलों में तेंदूपत्ता संग्राहकों को उनके खाते में पारिश्रमिक राशि का भुगतान किया जाता है।
प्रधान मुख्य वनसंरक्षक वी. श्रीनिवास राव ने बताया कि वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के जारी निर्देश में कहा गया है कि समस्त नगद भुगतान की कार्रवाई कलेक्टर के पर्यवेक्षण एवं नियंत्रण में संपन्न की जाएगी। नगद भुगतान के लिए कौन से संग्राहक पात्र होंगे, इसका निर्धारण कलेक्टर की ओर से किया जाएगा। प्रत्येक प्रकरण का नगद भुगतान कलेक्टर की अनुमति से होगा। प्रत्येक जिले में जिला कलेक्टर तथा वन मंडलाधिकारी एवं प्रबंध संचालक, जिला यूनियन के आपसी समन्वय से प्रस्तावित क्षेत्र के अंतर्गत हाट बाजार या अन्य उपयुक्त स्थान पर कैंप का आयोजन कर संग्राहकों को तेंदूपत्ता संग्रहण कार्ड में उचित प्रविष्टि कर नगद भुगतान करते हुए पावती प्राप्त करेंगे। नगद भुगतान के पूर्व पर्याप्त प्रचार-प्रसार किया जाएगा।
नगद भुगतान से संबंधित समस्त कार्य की संपूर्ण वीडियोग्राफी करते हुए प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाएगा। संबंधित कलेक्टर के मार्गदर्शन में कैंप के दौरान संग्राहकों को आवश्यकतानुसार आधारकार्ड जारी करने, बैंक खाता खुलवाने के लिए आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। संग्राहकों को पारिश्रमिक राशि के भुगतान की कार्रवाई 15 दिनों के भीतर पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।