नई दिल्ली (विश्व परिवार)। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांवों के विकास में महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर दिया। गुजरात के नवसारी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए, उन्होंने G-SAFAL और G-MAITRI जैसी योजनाएं शुरू कीं, जो महिलाओं को नए अवसर देने और उन्हें मजबूत बनाने के लिए बनाई गई हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2014 से सरकार ने महिलाओं के अधिकारों और अवसरों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने बताया कि नए संसद भवन में पास किया गया पहला बिल ‘नारी शक्ति’ से जुड़ा था। यह एक ऐतिहासिक क्षण था, जब देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति, द्रौपदी मुर्मु जी ने इस बिल पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने महात्मा गांधी के इस विचार को दोहराया कि “भारत की आत्मा गांवों में बसती है”, और आगे जोड़ते हुए कहा, “गांवों की आत्मा वहां की महिलाओं के सशक्तिकरण में है।”
पीएम मोदी ने कहा कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, चाहे वह राजनीति हो, खेल हो, न्यायपालिका हो या सुरक्षा बल। उन्होंने बताया कि 2014 के बाद से केंद्र सरकार में सबसे ज्यादा महिला मंत्री बनी हैं और संसद में महिलाओं की संख्या भी पहले से ज्यादा बढ़ी है। यह दिखाता है कि देश महिलाओं को नेतृत्व के लिए अधिक अवसर दे रहा है।
प्रधानमंत्री ने नवसारी के इस कार्यक्रम की पूरी जिम्मेदारी महिलाओं द्वारा संभाले जाने की भी सराहना की। उन्होंने बताया कि पूरे सुरक्षा दल, जिसमें कॉन्स्टेबल से लेकर बड़े अधिकारी शामिल थे, सभी महिलाएं थीं। उन्होंने इसे नारी शक्ति का एक अनोखा उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि जब मैं आप सभी से मिलता हूं, तो मेरा विश्वास और मजबूत हो जाता है कि विकसित भारत का सपना महिलाओं की शक्ति से ही पूरा होगा।
पीएम मोदी ने कहा कि “किसी भी देश के विकास की पहली शर्त महिलाओं का सम्मान है।” उन्होंने कहा कि भारत अब “महिला-नेतृत्व वाले विकास” की ओर बढ़ रहा है, जहां महिलाओं की भूमिका देश के भविष्य को आकार देने में सबसे महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने विश्वास जताया कि महिलाओं की ताकत और संकल्प से भारत जल्द ही एक विकसित राष्ट्र बनेगा।