ललितपुर (विश्व परिवार)। प्रागैतिहासिक तीर्थक्षेत्र नवागढ़ की पुण्यधरा पर इन दिनों भक्ति और साधना की सुरभित बयार बह रही है। तीर्थक्षेत्र में चल रहे 16 दिवसीय अरिष्ट निवारक शांतिनाथ विधान का ब्र. जयकुमार निशांत भैया जी के निर्देशन में आयोजन श्रद्धा, आस्था और उत्साह के साथ किया जा रहा है।
कमेटी के प्रचारमंत्री डॉ सुनील संचय ने बताया कि आयोजन स्थल पर प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्र होकर पूजन, अर्घ्य, स्तवन और आराधना में लीन हो रहे हैं।
इस विशेष विधान का शुभारंभ मंगलाचरण, कलश यात्रा और शांतिधारा के साथ हुआ, जिसमें महिला मंडल, युवा वर्ग और वरिष्ठ नागरिकों ने पूरे श्रद्धाभाव से सहभागिता की। प्रतिदिन प्रातःकालीन पूजन विधि, विधानाचार्य ब्र. पारस भैया, ब्र. संतोष भैया के निर्देशन में मंत्रोच्चारण के साथ सम्पन्न हो रही है। साथ ही प्रतिदिन प्रवचन, सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं।
विधान के प्रमुख उद्देश्य : निर्देशक ब्र. जयकुमार निशान्त ने बताया कि इस विधान के माध्यम से भगवान शांतिनाथ की आराधना कर जीवन में शांति, समृद्धि और संयम की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है।श्री शांतिनाथ भगवान का यह अनुष्ठान श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत बन रहा है और जनमानस में नवचेतना का संचार कर रहा है।
आयोजन के लिए परम पूज्य आचार्य श्री समयसागर जी महाराज, आचार्य श्री विशुद्धसागर जी महाराज, गणिनी आर्यिकारत्न स्वस्तिभूषण माता जी, गणिनी आर्यिका आर्षमती माता जी का मंगल आशीर्वाद प्राप्त हुआ है।