Home रायपुर कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में “संवाद 2025” कार्यक्रम संपन्न

कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में “संवाद 2025” कार्यक्रम संपन्न

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रायपुर (विश्व परिवार)। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर में गुरुवार को “संवाद 2025” कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में माननीय कुलपति प्रो. बल्देव भाई शर्मा ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा, “मीडिया समाज का आईना है, जो केवल समस्याओं को दिखाता ही नहीं, बल्कि उनका समाधान ढूंढ़ने में भी अहम भूमिका निभाता है। संवाद एक ऐसा माध्यम है, जो समाज को दिशा देने के साथ उसकी जटिलताओं को सरल बनाने में मदद करता है।”
कुलपति प्रो. बल्देव भाई शर्मा ने आगे कहा कि “लिखना-पढ़ना ही शिक्षा नहीं है, बल्कि जीवन के मर्म को समझना सच्ची शिक्षा है। संवाद के माध्यम से समाज की समस्याओं का समाधान संभव है।” उन्होंने स्वामी विवेकानंद का जिक्र करते हुए कहा कि हमें सकारात्मक सोच और सामाजिक जिम्मेदारी के साथ आगे बढ़ना चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति से पढ़ाई का सार्थक माहौल बन रहा है। विद्यार्थी जीवन का अनुशासन के बिना कोई अर्थ नहीं है। विद्यार्थी जीवन का पहला पाठ ही अनुशासन है। अनुशासन ही किसी राष्ट्र को श्रेष्ठ और महान बनाता है। आजकल संवाद का न होना बहुत बड़ा संकट बन गया है। मीडिया का मूल तत्व ही संवाद है। भारत में संवाद की प्राचीन परंपरा रही है। मौन भी संवाद की भाषा मानी जाती है। पत्रकारिता में भाषा मूल तत्व है।
कुलपति जी ने कहा कि शिक्षा का सही अर्थ है जीवन के मर्म को समझना। हमें विद्यार्थी जीवन में सिर्फ डिग्रीधारी नहीं बनना है बल्कि विद्यावान बनाना है। वर्तमान समय में लोगों के जीवन में बोरियत सबसे बड़ा शत्रु बन गया है। इससे बचने के लिए किसी भी कार्य को पूरी लगन के साथ करना चाहिए। ज्ञान को धारण नहीं करने से वो बोझ के समान हो जाता है। एक अच्छे मीडियाकर्मी के नाते सही गलत के अंतर को समझने की दृष्टि पैदा करने की जरूरत है। गलत को सही करना मीडिया का काम है। उन्होंने कहा कि एक पत्रकार का मन, बुद्धि, विचार संयत होना चाहिए। अच्छी शिक्षा से ही व्यापक दृष्टि पैदा होती है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर के मीडिया में भारतीयता की कमी है। अभी भी उसके केंद्र में यूरोपियन मानसिकता हावी है। यूरोपीय पत्रकारिता में जो नकारात्मकता है वही हमारी पत्रकारिता की अवधारणा बन गयी है। जिससे मीडिया में नकारात्मकता पैदा हो रही है।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव सुनील कुमार शर्मा ने छात्रों को संबोधित करते हुए डिजिटल मीडिया की चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज के समय में पत्रकारों को तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ नैतिक मूल्यों को भी प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने छात्रों को नए सत्र में अनुशासन और मेहनत के साथ अपनी शिक्षा को लक्ष्य केंद्रित रखने की प्रेरणा दी।
कार्यक्रम की शुरुआत में प्राध्यापक डॉ. नृपेन्द्र कुमार शर्मा ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए छात्रों और अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम के अंत में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. नरेंद्र त्रिपाठी ने आभार प्रदर्शन किया। उन्होंने सभी अतिथियों, छात्रों और आयोजन समिति का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर मंच संचालन शिक्षण सहयोगी अमित कुमार चौहान ने किया।
कार्यक्रम में प्राध्यापकगण पंकज नयन पांडेय, शैलेंद्र खंडेलवाल, डॉ.आशुतोष मंडावी, डॉ.राजेन्द्र मोहंती, पं. रविशंकर विश्वविद्यालय की प्रो. शैल शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार डा. राकेश पाण्डेय, एमिटी युनिवर्सिटी के डा. सत्यव्रत दास सहित शिक्षण सहयोगी एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।

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