- सिद्धचक्र महामण्डल विधान में इन्द्र इन्दाणियों ने किए अर्घ समर्पित
ललितपुर (विश्व परिवार)। पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन अटा मंदिर में चर्याशिरोमणि पट्टाचार्य विशुद्धसागर महाराज के प्रभावक शिष्य मुनि श्री सौम्यसागर महाराज एवं मुनि श्री जयेन्द्र सागर महाराज के सानिध्य एवं आशीर्वाद से विधानाचार्य ब्रह्मचर्य मनोज भैया एवं मधुर भैया के मार्गदर्शन में सिद्धचक्र महामण्डल विधान का शुभारम्भ हुआ जिसके प्रारम्भ में अभिषेक शान्तिधारा के उपरान्त पात्र शुद्धि सकलीकरण इन्द्र प्रतिष्ठ की मांगलिक कियाए हुई।
इस मोके पर आचार्य श्री सौम्य सागर महाराज ने कहा जीवन में ध्यान ही पुष्य का कारण है। उन्होंने सिद्धों की अराधना के पर्व की महिमा का उल्लेख करते हुए कहा जहां बोलने से धर्म की रक्षा होती हो प्रणियों का उपकार होता हो। धर्म सभा का शुभारम्भ आचार्य श्री के चित्र के सम्मुख दीपप्रज्जवलन श्रावक श्रेष्टियों द्वारा किया।
सिद्धचक महामण्डल विधान के प्रमुख पात्र सौधर्म इन्द मनोज कुमार जडीबूटी, कुबेर इन्द्र सुरेन्द्र कुमार किसलवास, कुबेर इन्द्र सोमचन्द लकी, महायज्ञनायक राकेश जैन बछरावनी, यगनायक अखिलेश गदयाना, ईशान इन्द्र राजीव कुमार पीहर साडी, सानत इन्द्र धन्यकुमार जैन सैदपुर, माहेन्द्र महेन्द्र सराफ, ज्योति नजा, विमल सराफ रेमण्ड, सुवोध जैन सुरभि जयकुमार सराफ, शादीलाल एड, श्रीमति चंदावाई, कपूरचन्द लागौन, मुन्नीदेवी, सुनील सराफ, वीके टेडर्स, अजय जैन गगचारी, नमन सरार्फ, सहित विधान में सम्मलित इन्द इंद्राणीयों ने सिद्धचक विधान की पूजन एवं अर्घ समर्पित किए।