नई दिल्ली (विश्व परिवार)। दिल्ली विधानसभा के सत्र का आज तीसरा दिन है। इस दौरान आम आदमी पार्टी (आप) विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी ने आरोप लगाया कि उन्हें सदन में घुसने से रोक दिया गया।
आप विधायकों ने आरोप लगाया कि उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेडिंग कर दी। हंगामे के बीच आतिशी की पुलिसकर्मियों से बहस भी हुई।
बता दें कि आप के 21 विधायकों को 3 दिन के लिए विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था।
हंगामे पर आप ने कहा, दिल्ली में चल रही तानाशाही! दिल्ली पुलिस के अधिकारी आम आदमी पार्टी के विधायकों और नेता प्रतिपक्ष आतिशी जी को विधानसभा परिसर के अंदर नहीं जाने दे रहे हैं। अधिकारी बता रहे हैं कि ऐसा वह विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता के आदेश पर कर रहे हैं। भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब चुने हुए विधायकों को विधानसभा में ही नहीं जाने दिया जा रहा है।
सत्र के दूसरे दिन यानी 25 जनवरी को विधानसभा में शराब नीति पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट पेश की गई थी। आज इस रिपोर्ट पर सदन में चर्चा होगी। इस दौरान खूब हंगामे के आसार हैं।
आज सदन की कार्यवाही शुरू होती है पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के निधन पर 2 मिनट का मौन रखा गया। इसके बाद भाजपा विधायकों ने आप को निशाने पर लिया।
कैग रिपोर्ट में कहा गया कि शराब नीति में बदलाव के कारण दिल्ली सरकार को 2002 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। यह नुकसान लाइसेंस जारी करने, दोबारा टेंडर जारी करने और सिक्योरिटी डिपॉजिट सही से वसूल नहीं करने जैसी वजहों से हुआ है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 71 प्रतिशत आपूर्ति 3 थोक विक्रेताओं के कब्जे में थी और कमीशन 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया था।
विधानसभा में आज उपाध्यक्ष के चयन का प्रस्ताव पेश होगा। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता मुस्तफाबाद से भाजपा विधायक मोहन सिंह बिष्ट के नाम का प्रस्ताव रखेंगी। इसके बाद मनजिंदर सिरसा, अनिल शर्मा और गजेंद्र यादव इस प्रस्ताव का समर्थन करेंगे।
मोहन का विधानसभा उपाध्यक्ष बनना लगभग तय है। वे 6 बार से विधायक हैं और विधानसभा में सबसे वरिष्ठ भी हैं।
1998 में उन्होंने करावल नगर से पहली बार चुनाव जीता था।